कहने को भारत में हिन्दू बहुसंख्यक समाज है, यानि भारत का सबसे मुख्य समाज पर असल में भारत में हिन्दुओ की स्तिथि ही सबसे दयनीय हो चुकी है, भारत में हिन्दू अपने वजूद के लिए जूझ रहा है, सामान अधिकारों के लिए जूझ रहा है
दुनिया के हर देश में वहां के अल्पसंख्यक ये मांग करते है की हमे भी बहुसंख्यको जैसे अधिकार दिए जाये, पर भारत में इसका बिलकुल उल्टा है, यहाँ तो अल्पसंख्यकों को ऐसे तमाम अधिकार और लाभ मिले हुए है जो बहुसंख्यक समाज को नहीं मिले
मशहूर वकील प्रशांत पटेल का तो यहाँ तक कहना है की भारत एकलौता देश है जहाँ पर बहुसंख्यक समाज यानि की हिन्दू अपने वजूद के लिए जूझ रहे है
प्रशांत पटेल ने कहा की - पहले मुगलों के कालखंड और फिर ब्रिटिश कालखंड में भारत के बहुसंख्यक समाज यानि हिन्दुओ की मानसिकता को काफी बदल दिया गया है, कुछ हिन्दू जो आज अपने धर्म के लिए आवाज उठाते है उनको सांप्रदायिक और कट्टर घोषित कर दिया जाता है
Bharat is the only country where majority is struggling for its survival, this shows mental slavery & result of long term ruling of mughals & brithshers.— प्रशान्त पटेल उमराव (@ippatel) June 28, 2019
And the few Hindus who have come out this slave node status, they are dismissed by calling them communal & hate monger.
भारत एक ऐसा देश बन चूका है जहाँ पर बहुसंख्यको की बात करने को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है, यहाँ पर कोई हिन्दुओ के हितों की बात करेगा तो उसे सांप्रदायिक बताया जाता है
जबकि इस देश में अल्पसंख्यको की जो तुष्टिकरण करता है उसे सेक्युलर की श्रेणी में रखा जाता है, भारत वाकई दुनिया का एकलौता देश है जहाँ पर बहुसंख्यक समाज ही सिमट रहा है अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहा है, भारत के कई राज्यों में अब हिन्दू अल्पसंख्यक हो ही चुके है और कई अन्य राज्यों में होने की कगार पर धीरे धीरे पहुँच रहे है
प्रशांत पटेल की बात भले ही कडवी है पर ये एक वास्तविक सत्य है, उदाहरण के तौर पर कई राज्यों के नाम है जैसे की कश्मीर, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम इत्यादि, और केरल जैसे राज्य तो ऐसे है जहाँ कुछ ही सालों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके होंगे !
जबकि इस देश में अल्पसंख्यको की जो तुष्टिकरण करता है उसे सेक्युलर की श्रेणी में रखा जाता है, भारत वाकई दुनिया का एकलौता देश है जहाँ पर बहुसंख्यक समाज ही सिमट रहा है अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहा है, भारत के कई राज्यों में अब हिन्दू अल्पसंख्यक हो ही चुके है और कई अन्य राज्यों में होने की कगार पर धीरे धीरे पहुँच रहे है
प्रशांत पटेल की बात भले ही कडवी है पर ये एक वास्तविक सत्य है, उदाहरण के तौर पर कई राज्यों के नाम है जैसे की कश्मीर, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम इत्यादि, और केरल जैसे राज्य तो ऐसे है जहाँ कुछ ही सालों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके होंगे !