एक दवाई के बदले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमाम भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए पुरे अमेरिकी मार्किट को खुलवा दिया जो लाखों करोड़ अमेरिकी डॉलर्स का है
अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े फार्मा मार्किट में से एक है और भारत की दवाई कंपनियों को अमेरिका में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, अमेरिका की संस्था है जिसका नाम है FDA, इस संस्था ने 2 दशको से भारत की फार्मा कंपनियों के लिए मुसीबत खड़ा कर रखा था
FDA की मंजूरी के बाद ही कोई कंपनी अमेरिका में दावा बेच सकती है, इस संस्था ने हमेशा भारतीय कंपनियों को मंजूरी देने में समस्या खड़ी की पर अब प्रधानमंत्री मोदी की डिप्लोमैसी ने ऐसा काम किया है की 1 ही हफ्ते में FDA ने भारत की कई सारी कंपनियों को उनकी दवाई बेचने की मंजूरी दे दी है
दरअसल अमेरिका को कोरोना के लिए हाइड्रोक्सी कोलोरोकुइने नाम की दवा चाहिए थी, ये दावा भारत में सबसे ज्यादा बनाई जाती है, और अमेरिका ने भारत से ये दावा मांगी थी
नरेंद्र मोदी ने इस दावा के बदले अमेरिका के सामने कई मांगे रखी थी जिसमे सबसे बड़ी मांग ये थी की अमेरिका अपने बाज़ार को भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए खोल दे तब उसे ये दवा उपलब्ध कराइ जाएगी, मोदी की मांग पर डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी बाज़ार को भारतीय कंपनियों के लिए खोल दिया और अब सिर्फ 1 ही हफ्ते में ये खबरें सामने आई है
It has been raining FDA approvals so far this week.— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) April 14, 2020
FDA Approvals so far
1. Cipla
2. Aurobindo
3. Ajantha
4. Cadilla
5. Granules
6. Dr Reddy's Lab
7. Lupin
8. Strides
9. Biocon
10. IPCA
.. counting
Remember Every Liberal was mocking this tweet
डाक्टर रेड्डी, औरोबिन्दो फार्मा, सिप्ला, अजंता, कैडिला जैसी तमाम कंपनियों को FDA ने सिर्फ 1 हफ्ते में मंजूरी दी है, FDA की मंजूरियों के लिए पहले सालों तक का समय लगता था, फाइलों को लटका कर रखा जाता था, समस्या पैदा की जाती थी पर मोदी की डिप्लोमैसी के चलते अब अमेरिकी बाज़ार भारतीय कंपनियों के लिए खुल चुके है
अमेरिकी बाज़ार लाखों करोड़ डॉलर के है और इस बाज़ार के खुलने से भारतीय फार्मा इंडस्ट्री के लिए चांदी होने जैसा है, भारत की कंपनियों की आय अब काफी अधिक बढ़ेगी जिस से भारत में अच्छा पैसा आयेगा और भारत की इकॉनमी मजबूत होगी
अमेरिकी बाज़ार लाखों करोड़ डॉलर के है और इस बाज़ार के खुलने से भारतीय फार्मा इंडस्ट्री के लिए चांदी होने जैसा है, भारत की कंपनियों की आय अब काफी अधिक बढ़ेगी जिस से भारत में अच्छा पैसा आयेगा और भारत की इकॉनमी मजबूत होगी