
अब वो होने लगा है जिसकी मांग देश में लम्बे समय से की जा रही थी, और वो मांग ये थी की आतंकियों के एनकाउंटर के बाद उनके शवों को उनके परिवारों को न सौंपा जाये
कश्मीर में आये दिन आतंकवादियों के साथ सेना का एनकाउंटर होता है, आतंकियों को ढेर करने के बाद उनके शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया जाता था
परिवार शवों का जनाजा निकालते थे और इस जनाजे में हजारों की मुस्लिम भीड़ आती थी, आतंकवादी के पक्ष में नारेबाजी की जाती थी, भारत और सेना के खिलाफ बयानबाजी की जाती थी
इस तरह की घटनाओं को लेकर हमेशा से ही मांग की जाती रही की आतंकियों के एनकाउंटर के बाद उनके शवों को उनके परिवारों को न सौंपा जाये, पत्रकार सुधीर चौधरी ने तो एक बार मांग करते हुए आतंकियों के शवों को कचरे के ढेर के साथ जलाने की मांग की थी
अब देश में हो रहे लम्बे मांग को लेकर जानकारी ये सामने आ रही है की अब प्रशासन ने आतंकियों के शवों को उनके परिवारों को देना बंद करना शुरू कर दिया है
Its finally happening. Reports that bodies of terrorists killed in Sopore encounter not handed to families and buried secretly. Taking #SocialDistancing to the next level!— sushant sareen (@sushantsareen) April 19, 2020
अब आतंकियों को ढेर करने के बाद उनके शवों को गाड़ने की नीति शुरू हो चुकी है, आतंकियों के शवों को उनके परिवारों को सौंपना बंद हो रहा है, जिसकी सख्त जरुरत थी
अब आतंकियों के जनाजे नहीं निकलेंगे क्यूंकि उनके शव उनके परिवारों तक नहीं [पहुंचेंगे, न ही आतंकियों का भीड़ द्वारा महिमामंडन होगा न ही जुलुस निकलेंगे
अब आतंकियों के जनाजे नहीं निकलेंगे क्यूंकि उनके शव उनके परिवारों तक नहीं [पहुंचेंगे, न ही आतंकियों का भीड़ द्वारा महिमामंडन होगा न ही जुलुस निकलेंगे