
अब चीन के अन्दर भी चीन के वर्तमान राष्ट्रपति जिनपिंग को लेकर गुस्सा फूटता जा रहा है, चीन ने दुनिया से कई सारे झूठ बोले है, चीन में कोरोना संकट के आने के बाद से 1 करोड़ 50 लाख से ज्यादा लोग गायब है, जबकि चीन ने सिर्फ 80 हज़ार के कोरोना से पीड़ित होने की जानकारी दुनिया को दी है
वुहान शहर में ही कई शमशान घाट बने है जहाँ रोज लोगो की भीड़ लग रही थी और उन्हें उनके परिजनों का राख दिया जाता था, वो सभी कोरोना से मरे थे, इसके अलावा वुहान के आसपास के तमाम शहरों में अब असंख्य घरों में लाइट भी नहीं जलती जो पहले जला करती थी
इसी बीच ये खबर सामने आई है की चीन की राजधानी बीजिंग में बड़े बड़े प्राइवेट बसों में बैठकर चीनी आर्मी के सैनिक पहुंचे है, और इन बसों के नंबर प्लेट भी गायब है
बताया ये जा रहा है की चीनी सरकार ने चीनी आर्मी को बीजिंग में तैनात किया है और प्राइवेट बसों में इसलिए लाया गया है ताकि जनता और किसी को भी ये न लगे की चीनी आर्मी को बड़े पैमाने पर बीजिंग में तैनात किया गया है, वरना फिर सेना की मूवमेंट का कारण बताना होगा
पर सच ऐसी चीज है जो दबाये नहीं दबती
......No official announcement as to when they will be held so far.— Jennifer Zeng 曾錚 (@jenniferatntd) April 3, 2020
सेना की मूवमेंट बीजिंग में हो रही है वो भी बिना नंबर प्लेट की प्राइवेट बसों के द्वारा, बीजिंग जो चीन की राजधानी है और जहाँ राष्ट्रपति जिनपिंग खुद रहते भी है वहां सेना की तैनाती की गयी है
अचानक ऐसा किस काम के लिए किया गया है ये चीनी सरकार ने नहीं बताया है, सेना की मूवमेंट भी गुपचुप तरीके से प्राइवेट बसों के द्वारा हो रही है, माना ये जा रहा है की चीनी सरकार के अन्दर ही अब विद्रोह की आशंका है और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अन्दर के ही कई लोग जिनपिंग का तख्तापलट करना चाहते है, और ये भी आशंका है की वामपंथी पार्टी के कुछ लोग राष्ट्रपति निवास पर जबरन कब्जे के लिए हमला न कर दे, इन्ही आशंकाओं से निपटने के लिए बीजिंग में गुपचुप तरीके से चीनी सेना की तैनाती हुई है
अचानक ऐसा किस काम के लिए किया गया है ये चीनी सरकार ने नहीं बताया है, सेना की मूवमेंट भी गुपचुप तरीके से प्राइवेट बसों के द्वारा हो रही है, माना ये जा रहा है की चीनी सरकार के अन्दर ही अब विद्रोह की आशंका है और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अन्दर के ही कई लोग जिनपिंग का तख्तापलट करना चाहते है, और ये भी आशंका है की वामपंथी पार्टी के कुछ लोग राष्ट्रपति निवास पर जबरन कब्जे के लिए हमला न कर दे, इन्ही आशंकाओं से निपटने के लिए बीजिंग में गुपचुप तरीके से चीनी सेना की तैनाती हुई है