लखनऊ में एक मुस्लिम शख्स की कोरोना से मौत हो गयी, इस शख्स को जब कब्रिस्तान में दफ़नाने के लिए ले जाया गया तो फिर दुसरे मुस्लिम लोगो ने उसे दफ़नाने से इंकार कर दिया और मामला तनावपूर्ण हो गया
दुसरे मुस्लिम लोगो ने कोरोना से मरे हुए मुस्लिम शख्स को ये कहकर दफ़नाने से इंकार कर दिया की कब्रिस्तान में कोरोना फ़ैल जायेगा
दरअसल लखनऊ के किंग जोर्जे अस्पताल में 64 साल के एक मुस्लिम शख्स की कोरोना से मौत हो गयी, फिर इस मुस्लिम शख्स को दफ़नाने के लिए ऐशबाग स्थित कब्रिस्तान ले जाया गया, घटना की जानकारी आसपास के मुस्लिम लोगो को हुई जिसके बाद तनाव बढ़ गया
आसपास के मुस्लिम लोगो ने कोरोना से मरे मुस्लिम के शव को कब्रिस्तान से बाहर ले जाने की मांग शुरू कर दी और दफ़नाने से इंकार कर दिया
फिर इसकी जानकारी स्थानीय मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं तक पहुंची, तो मौलाना खालिद रशीद फिरंगी ने फतवा जारी किया की कोरोना से मरे शख्स को दफ़न होने दिया जाये, इसके बाद उस शख्स को दफ़न किया गया, पर इसे लेकर इलाके में तनाव का माहौल अब भी है
#लखनऊ-कोरोना संक्रमित वृद्ध की मौत के बाद उनके शव को दफनाने का हो रहा है विरोध.ऐशबाग स्थित कब्रिस्तान के आस-पास रहने वाले लोगों ने शव दफनाने में डाली बाधा.लोगो का कहना- संक्रमित शव दफनाने से कोरोना फैलने का खतरा.पुलिस-प्रशासन हुआ लाचार.परिवार वाले परेशान.कहां दफनाये शव.#KOVID19— swarajexpressnews (@swarajexpress1) April 15, 2020
बता दें की कोरोना से मरे लोगो के अंतिम संस्कार के लिए दाह संस्कार ही सबसे उत्तम है, दफ़न करने से कोरोना वायरस जमीन में मिल जाता है, चीन समेत अमेरिका जैसे कई देशों में कोरोना मृतकों के शवों को जलाकर ही अंतिम संस्कार हो रहे है