फिर एक बार हिन्दू नाम वाले वामपंथियों को, कम्युनिस्टों को बेवक़ूफ़ बनाया गया है और उन्हें उनके ही साथी ने बेवक़ूफ़ बनाया है
पहले तो आपको बता दें की कम्युनिस्टों की कथित विचारधारा ये है की - किसी भी प्रकार का धर्म, मजहब सब गांजा है, और सभी कम्युनिस्ट धर्म से दूर है और सभी Atheist यानि नास्तिक है, कोई किसी धर्म को नहीं मानता, न ही किसी गॉड, भगवान या अल्लाह के वजूद को ही स्वीकार करता
JNU से कुख्यात हुआ उमर खालिद भी कुछ समय पहले तक खुद को कम्युनिस्ट ही बता रहा था, खुद को नास्तिक भी बता रहा था पर जैसे ही ईद आई उसने हिन्दू नाम वाले कम्युनिस्टों जैसे की कन्हैया कुमार, सीताराम येचुरी और तमाम तरह के छोटे मोटे कम्युनिस्ट सबको बेवक़ूफ़ बना दिया
उमर खालिद ने ईद पर मुस्लिम टोपी भी पहनी और मस्जिद में नमाज़ भी पढ़ी, और इस्लाम मजहब का पूरा पालन किया
कुछ ही दिनों पहले उमर खालिद खुद को Atheist बता रहा था पर वो ईद पर इस्लाम का पालन करता दिखाई दिया, उसने कन्हैया कुमार- सीताराम येचुरी जैसे तमाम कम्युनिस्टों को बेवक़ूफ़ बनाया और साबित किया की वो कम्युनिस्ट या Atheist नहीं बल्कि एक पक्का मजहबी है
But communists are atheists?@UmarKhalidJNU amuses me again ! pic.twitter.com/AxHqQEHVQA— Anima Sonkar (@AnimaSonkar) May 25, 2020
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब इस तरह की घटना सामने आई हो, शेहला रशीद, जावेद अख्तर जैसे तमाम नाम है जो खुद को कम्युनिस्ट, Atheist कहते फिरते है पर हर मौके पर मजहब का पालन करते भी दिखाई देते है, वहीँ सीताराम येचुरी-कन्हैया कुमार जैसे मूढ़ ये कहते फिरते है की - धर्म और मजहब तो गांजा होता है