
कोरोना वायरस के इलाज के लिए दुनिया भर में कई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, प्लाज्मा थेरेपी का नाम तब सामने आया जब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और तबलीगी जमात ने इसका नाम लेना शुरू कर दिया
केजरीवाल ने ही देश में कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बेहतर बताया, जिसके बाद 2 तबलीगी जमातियों ने अपना प्लाज्मा भी डोनेट किया
अब जिस मरीज का प्लाज्मा थेरेपी से सबसे पहले इलाज किया गया था उसकी मौत हो गयी, ये मरीज कोई ज्यादा वृद्ध भी नहीं था, इसकी उम्र 53 साल की थी और ये महाराष्ट्र के मुंबई का रहने वाला था
53 साल के इस शख्स को कोरोना वायरस हो गया था जिसके बाद इसका प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया गया था, पर इसकी हालत और ख़राब हो गयी और अंततः इस मरीज की मौत हो गयी
इस मरीज का और किसी तकनीक से इलाज किया जाता तो कदाचित ये मरीज बच भी जाता, पर बिना शोध प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने के कारण ही इस मरीज की मौत हो गयी, इस मरीज के शरीर में डाक्टरों ने 200 मिली लीटर का डोज डाला था पर इसकी स्तिथि और ख़राब होने लगी और इसके प्राण निकल गए
बुधवार रात को 11 बजकर 30 मिनट पर इस व्यक्ति की मौत हो गयी, प्लाज्मा थेरेपी का डोज देने के बाद इस मरीज ने सही होने के एक भी लक्षण नहीं दिखाए
First person who was treated with plasma therapy has died in India. Om Shanti.. Also its Big Blоw for whitewashers of Singlе Sоurce spreaеrs#COVID19 #PlasmaTherapy— Rosy (@rose_k01) May 1, 2020
इस से पहले केजरीवाल की सरकार प्लाज्मा थेरेपी को लेकर बहुत प्रचार कर रही थी साथ ही मीडिया ये भी खबरें बड़े पैमाने पर चला रही थी की तबलीगी जमात वाले प्लाज्मा थेरेपी के लिए अपना खून डोनेट कर रहे है