
भगवान राम के नाम से कई तरह के तत्व परेशां हो जाते है जिसमे कांग्रेस पार्टी, वामपंथी तत्व और मजहबी उन्मादी शामिल है और जब से लोग रामायण सीरियल को टीवी पर उसी उत्साह से देख रहे है जैसे 1990 के ज़माने में देखा करते थे, तब से रामायण विरोधी तत्व बिलबिलाये हुए है
बिलबिलाहट में कुख्यात वकील प्रशांत भूषण टीवी पर रामायण सीरियल के खलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया, प्रशांत भूषण ने रामायण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई और रामायण को बंद करवाने की मांग की
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट से प्रशांत भूषण को लात मिली है, इसकी घटिया याचिका को कोर्ट ने ख़ारिज कर कचरे की पेटी में फेंक दिया है
प्रशांत भूषण की याचिका पर कोर्ट ने कहा है की - टीवी पर कोई भी किसी भी कार्यक्रम को देखने के लिए स्वतंत्र है, चैनल अपने मन मुताबिक कार्यक्रम टेलीकास्ट करने के लिए स्वतंत्र है
#Breaking | Ramayana row: SC slams petitioner Prashant Bhushan.— TIMES NOW (@TimesNow) May 1, 2020
'Anybody can watch anything on TV', says SC. pic.twitter.com/FWCRuiWWYT
इस से पहले लॉक डाउन के शुरुवात में दूरदर्शन ने रामायण को फिर से टेलीकास्ट करने का निर्णय लिया था और ये टेलीकास्ट इतना हिट रहा की इसने वर्ल्ड रिकॉर्ड ही बना दिया, 16 अप्रैल को रामायण को 7 करोड़ 70 लाख लोग एक साथ देख रहे थे और ये नया वर्ल्ड रिकॉर्ड है
रामायण को मिल रहे समर्थन से प्रशांत भूषण इतना बिलबिला गया की ये रामायण को टीवी पर बंद करवाने को लेकर कोर्ट तक पहुँच गया पर वहां इसे लात ही पड़ी है
रामायण को मिल रहे समर्थन से प्रशांत भूषण इतना बिलबिला गया की ये रामायण को टीवी पर बंद करवाने को लेकर कोर्ट तक पहुँच गया पर वहां इसे लात ही पड़ी है