नेपाल में लाखों भारतीय रहते है, अगर उन भारतीयों पर नेपाल में हमला हो तो उसका जिम्मेदार सीधे रविश कुमार होगा जिसने पिछले दिनों ये फेक न्यूज़ तेजी से फैलाई की भारत के वाराणसी में एक नेपाली का सर मूंड दिया गया और उस से जय श्री राम के नारे लगवाए गए
इन दिनों नेपाल और भारत के रिश्ते तल्ख़ चल रहे है, नेपाल के वामपंथी प्रधानमंत्री ने भारत के खिलाफ जहर के बाद जहर उगला है, पर नेपाली और भारतीय जनता में कोई दुश्मनी नहीं है
पर रविश कुमार ने सिर्फ मोदी विरोध के लिए फिर फेक न्यूज़ चलाया और फिर कुकर्म किया, देखिये
यह पत्रकारिता नहीं..झूठ की फ़ैक्टरी है— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) July 18, 2020
मैग्सेसे अवार्ड विजेता महान स्पिनर पत्रकार रविश कुमार जी किस तरह झूठ और पाखंड को सच बनाकर लोगों के सामने परोसते हैं ..आप खुद देखिये @ravishndtv आप सही में बड़े वाले हो.. कम से कम देश को तो बख़्स दो भाई👏शरम-वरम सब बेच कर खा गये हो क्या ? https://t.co/UKqMadqF6R pic.twitter.com/tImOMd1NH6
रविश कुमार चिल्ला चिल्ला कर बताने लगा की वाराणसी में एक नेपाली को मारा पीटा गया और उसका सर मूंड दिया गया, जबकि सच ये है की ये सबकुछ एक साजिश का हिस्सा था, जिस शख्स का सर मुंडा गया वो नेपाली नहीं भारतीय है और उसका नाम धर्मेन्द्र है, 1000 रुपए में वो नेपाली बना था और ये सबकुछ एजेंडा चलाने के लिए किया गया था
अब यहाँ सवाल ये उठता है की अगर इस समय रविश कुमार जिसे लोग पत्रकार समझते है उसे देखकर नेपाल में रहने वाले भारतीय खतरे में आते है, नेपाल में रहने वाले भारतीयों पर हमले होते है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा
ये कोई पहला मौका नहीं है जब रविश कुमार फेक न्यूज़ फैला रहा हो, आये दिन रविश कुमार NDTV नामक फेक न्यूज़ फैक्ट्री में बैठकर फेक न्यूज़ फैलाता है, सालों से रविश कुमार फेक न्यूज़ फैला रहा है और फेक न्यूज़ के जरिये समाज में नफरत बो रहा है, सवाल ये है की आखिर रविश कुमार और उसके जैसे कुकर्मियों पर कानून कब कार्यवाही करेगा, इन कुकर्मियों को फेक न्यूज़ फैलाने की छुट आखिर कबतक मिलेगी ?
अब यहाँ सवाल ये उठता है की अगर इस समय रविश कुमार जिसे लोग पत्रकार समझते है उसे देखकर नेपाल में रहने वाले भारतीय खतरे में आते है, नेपाल में रहने वाले भारतीयों पर हमले होते है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा
ये कोई पहला मौका नहीं है जब रविश कुमार फेक न्यूज़ फैला रहा हो, आये दिन रविश कुमार NDTV नामक फेक न्यूज़ फैक्ट्री में बैठकर फेक न्यूज़ फैलाता है, सालों से रविश कुमार फेक न्यूज़ फैला रहा है और फेक न्यूज़ के जरिये समाज में नफरत बो रहा है, सवाल ये है की आखिर रविश कुमार और उसके जैसे कुकर्मियों पर कानून कब कार्यवाही करेगा, इन कुकर्मियों को फेक न्यूज़ फैलाने की छुट आखिर कबतक मिलेगी ?