आज सुबह 12 अगस्त को जब आप उठे तो मीडिया ने आपको बताना शुरू किया की - बेंगलुरु में भीड़ द्वारा हिंसा की गयी जिसमे कुछ गाड़ियाँ जलाई गई
साथ ही मीडिया ने आपको ये भी बताया की - मुसलमानों ने मानव श्रृंखला बनाकर हिन्दू मंदिर को बचाया
यहाँ मीडिया ने फिर चालाकी की, जिस भीड़ ने हिंसा किया उस भीड़ का मजहब नहीं बताया, पर श्रृंखला बनाने वालो को मंदिर बचाने वाला मुसलमान बता दिया, यानि दंगाई भीड़ का तो कोई मजहब नहीं पर श्रृंखला बनाने वालो का मजहब था
खैर, अब मुसलमानों ने हिन्दू मंदिर को बचाया, सोशल मीडिया पर भी सेक्युलर इसे तेजी से फैलाने लग गए, पर पोल तब खुल गयी जब एक दूसरा विडियो सामने आया
इस विडियो के अंत में बैकग्राउंड से एक आवाज आई और वो आवाज ये की - विडियो बन गया जल्दी अपलोड कर
देखिये
आखिर के विडियो के लास्ट के 5 सेकंड में विडियो बनाने वालो की पोल खुल गयी, एक बोला की - विडियो बन गया जल्दी अपलोड कर'Video Ban gya hai upload kar jaldi'— Hitesh Bansal (@ihiteshbansal) August 12, 2020
The drama of Mandir protection by Muzlims exposed in their own video. pic.twitter.com/dBGF0NRqb6
यानि दंगईयों ने जान के अपना विडियो बनाया, ताकि इसे अपलोड कर सेकुलरिज्म की मिसाल पेश की जा सके और मुसलमानों ने मंदिर को बचाया ऐसा प्रोपगंडा चलाया जा सके
एक हिन्दू मंदिर दिखा तो 10-15 मुसलमानों को जमा किया गया और विडियो शूट कर लिया गया ताकि प्रोपगंडा फैलाया जा सके
सेकुलरों ने प्रोपगंडा तो बहुत फैलाया पर उनका सच अब सामने आ चूका है, हां सेक्युलर तत्व ये नहीं बता रहे थे की ये अच्छे मुसलमान आखिर मंदिर को बचा किस से रहे थे ?